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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो चन्द्रयान 3 मिशन की सफलता के बाद एक बार फिर चर्चा में है। जिसका कारण इसरो का आदित्य एल 1 मिशन है। यह मिशन भारत का पहला अंतरिक्ष सूर्य मिशन है। जिसको ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV-C57 के द्वारा लांच किया गया है। इस मिशन के द्वारा सूर्य ग्रह के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी। सर्वप्रथम पहले सूर्य मिशन को नासा ने यूरोपीय अंतरिक्ष संगठन के साथ मिलकर किया था।
Aditya L1 ( आदित्य एल 1 )
हमारे ब्रह्मांड में बहुत से ऐसे रहस्य है, जिनके बारे में जानना बहुत मुश्किल है, लेकिन आवश्यक भी है। अतः इन्हीं रहस्यों की इकाई हमारा सौर मंडल है। भारतीय अंतरिक्ष संगठन इसरो ने सूर्य के बारे में अध्ययन और रिसर्च करने के लिए आदित्य एल 1 मिशन लांच कर दिया है। जिसके द्वारा सूर्य की परतों तथा उससे निकलने वाली किरणों की जानकारी इसरो प्राप्त करेगा। इस मिशन पर आदित्य एल 1 को पांच साल के लिए भेजा गया है। जोकि अपनी रिसर्च रिपोर्ट को इसरो तक पहुंचाएगा।
What is Aditya l1 Mission ( आदित्य एल 1 मिशन क्या है? )
आदित्य एल 1 को इसरो के द्वारा पृथ्वी से लांच किया गया है। जोकि पृथ्वी की पांच सतहों को भेदकर बाहर जाएगा। इस मिशन के द्वारा आदित्य एल 1 को सूर्य तथा पृथ्वी के लैग्रेंज बिन्दु L1 पर लांच कराया जाएगा। जोकि पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित है। यह दूरी सूर्य की पृथ्वी से दूरी की कुल 1% है। अर्थात् आदित्य एल 1 सूर्य से बहुत अधिक दूरी पर लांच किया जाएगा। जहां पर यह हैलो आर्बिट ( प्रभामंडल कक्षा ) में चक्कर लगाता रहेगा। आदित्य एल 1 इसी लैग्रेंज बिन्दु के हैलो आर्बिट में घूमते हुए सूर्य पर रिसर्च करेगा।
What is Lagrage Point ( लैग्रेंज बिन्दु क्या है? )
लैग्रेंज बिन्दु वह स्थान है, जहां पर पृथ्वी तथा सूर्य का गुरूत्वाकर्षण बल समान होता है अर्थात् इसके कारण यह बल एक-दूसरे को आपस में निरस्त कर देते है। जिससे इस बिन्दु पर स्थित वस्तु पर गुरूत्वाकर्षण शून्य होता है।
अतः पृथ्वी और सूर्य के मध्य ऐसे लैग्रेंज बिन्दु पांच है, जहां पर गुरूत्वाकर्षण बल नहीं है। आदित्य एल 1 को लैग्रेंज बिन्दु L1 पर लांच करने की एक मुख्य वजह है। लैग्रेज बिन्दु एल 1 पृथ्वी तथा सूर्य के मध्य में स्थित है, जिसके कारण आदित्य एल 1 सूर्य तथा पृथ्वी से सदैव कनेक्ट रहेगा और इसकी रिसर्च में चन्द्रग्रहण तथा सूर्य ग्रहण किसी का भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।
Aditya l1 full form ( आदित्य एल 1 फुल फॉर्म )
आदित्य एल 1 का पूरा नाम आदित्य लैंग्रेज 1 है। जहां लैग्रेज 1 अंतरिक्ष में स्थित एक बिन्दु हैं। जिस स्थान पर आदित्य एल 1 को लांच किया जाएगा।
Aditya l1 Launch ( आदित्य एल 1 लांच )
आदित्य एल 1 मिशन को 2 सितंबर 2023 को 11:50 Am पर श्रीहरिकोटा से लांच किया गया है। इस मिशन को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV- C57 के द्वारा उड़ान दी गई, जोकि सफल रही।
Aditya l1 Launch live ( आदित्य एल 1 लाइव लांच )
आदित्य एल 1 मिशन के लांच की लाइव स्ट्रीमिंग इसरो द्वारा की गई। जिसमें आदित्य एल 1 का पृथ्वी से अंतरिक्ष तक का सफर दिखाया गया है।
Aditya l1 Mission Budget ( आदित्य एल 1 बजट )
इसरो के आदित्य एल 1 मिशन का बजट 378.53 करोड़ रुपए है, जोकि चन्द्रयान 3 मिशन से भी बहुत कम है। इसरो अंतरिक्ष मिशन को कम बजट में करने के लिए चर्चा में रहता है और एक बार फिर इसरो ने ऐसा कर दिया।
Aditya l1 Mission in hindi ( आदित्य एल 1 मिशन का उद्देश्य )
आदित्य एल 1 मिशन के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं -
• सूर्य की सतहों के बारे में जानना।
• मुख्य रूप से सूर्य की क्रोमोस्फेयर और कोरोना सतह पर रिसर्च।
• कोरोना सतह पर अत्यधिक ताप बढ़ जाने का कारण।
• सूर्य में होने वाली विस्फोटक क्रियाओं पर रिसर्च।
• सूर्य से आने वाली किरणों पर रिसर्च।
• सौर वायुमंडलीय गतिशीलता पर रिसर्च।
• कोरोना सतह पर प्लाज्मा का अध्ययन।
• सूर्य में उत्पन्न होने वाली निरन्तर उष्मा का अध्ययन।
• सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्र की माप का अध्ययन।
• सूर्य की परत क्रोमोस्फेयर का ताप 6000-20000 डिग्री सेल्सियस तथा उसकी उपरी परत कोरोना का ताप 1-3 मिलियन डिग्री सेल्सियस होने की क्या है वजह? एक भी एक मुख्य रिसर्च है।
Aditya l1 Mission Payloads ( आदित्य एल 1 मिशन पेलोड )
इसरो के द्वारा आदित्य एल 1 पर सात पेलोड लगाए गए हैं। जिसमें से चार सूर्य पर रिसर्च करेंगे तथा तीन पेलोड लैग्रेंज बिन्दु के स्थानीय वातावरण का अवलोकन करेंगे।
क्र.सं. | पेलोड |
---|---|
1 | Visible Emission Line Coronagraph ( VELC ) |
2 | Solar Ultra Violet Imaging Telescope ( SUIT ) |
3 | Solar Low Energy X-ray Spectrometer ( SOLEXS ) |
4 | High Energy L1 Orbiting X-RAY Spectrometer ( HELIOS ) |
5 | Aditya Solar Wind Particle Experiment ( ASPEX ) |
6 | Plasma Analyser Package for Aditya ( PAPA ) |
7 | Magetometer ( MAG ) |
आदित्य एल 1 कब पहुंचेगा?
आदित्य एल 1 मिशन को श्रीहरिकोटा से 2 सितंबर 2023 को लांच किया है। इसरो ने अपनी गणना के आधार पर जानकारी दी है कि आदित्य एल 1 लैग्रेंज बिन्दु पर 127 दिनों में पहुंच जाएगा। इन 127 दिनों में आदित्य एल 1 पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
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FAQ :
Q.1 भारत के सूर्य मिशन का क्या नाम है?
Ans. आदित्य एल 1 मिशन।
Q.2 आदित्य एल 1 को कब लांच किया गया?
Ans. आदित्य एल 1 को 2 सितंबर 2023 को लांच किया गया।
Q.3 आदित्य एल 1 को कहां लांच किया गया है?
Ans. सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा।
Q.4 आदित्य एल 1 में कितने पेलोड हैं?
Ans. सात पेलोड।