माध्यमिक शिक्षा परिषद ने Rpwd Act 2016 ( Right of Persons With Disabilities ) के अनुसार 21 प्रकार के दिव्यांग छात्र/छात्राओं की सूची निकाली है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए यह एक सोचने योग्य कारण है कि इस देश के दिव्यांग व्यक्ति पीड़ित हैं और वह सामान्य लोगों जैसे कार्य तथा सोचने में असमर्थ है। जिससे देश की तेजी से प्रगति में बांधा आ सकती है। इसीलिए माध्यमिक शिक्षा परिषद का मानना है कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा दिव्यांग व्यक्ति को प्रोत्साहित किया जा सकता है।इसी के साथ दिव्यांग व्यक्तियों को शिक्षा के द्वारा स्वाबलंबी बनाया जा सकता है। जिससे वह देश के विकास में भूमिका निभा सकें और वह अपनी दिव्यांगता के कारण अपने जीवन से निराश न हों।
दिव्यांग क्या है:-
जब कोई व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से सामान्य व्यक्ति की तुलना में भिन्न होता है, तो उस व्यक्ति को दिव्यांग कहा जाता है।
इन्हीं दिव्यांग व्यक्तियों को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने एक नई पहल की शुरुआत की है जिसके द्वारा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दिव्यांग व्यक्तियों की शिक्षा पर जोर दिया है। क्योंकि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा इन दिव्यांग छात्र/छात्राओं को स्वरोजगार के लिए तैयार किया जा सकता है।
Rpwd 2016 अधिनियम क्या है :-
Rpwd ( Right of Persons With Disabilities ) जिसका हिन्दी में अर्थ है " विकलांग व्यक्तियों का अधिकार " या "दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम" इस अधिनियम को साल 2016 में भारत सरकार के द्वारा पारित किया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत दिव्यांग अर्थात विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को सुनिश्चित तथा सुरक्षित किया जाता है।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 कब लागू हुआ :-
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 अर्थात Rpwd Act 2016 को भारत सरकार ने 16 दिसंबर 2016 को पारित कर दिया था। इस अधिनियम को इससे पहले pwd 1995 ( Persons With Disabilities, 1995 ) के नाम से जाना जाता था। जिसमें संशोधन करने के बाद इसको Rpwd Act 2016 के नाम से जारी किया गया।
इस अधिनियम को राज्य सरकार के द्वारा 14 दिसंबर 2016 को ही पारित कर दिया गया था।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के अनुसार विकलांगता की सूची :-
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने विकलांग अर्थात दिव्यांग छात्र/ छात्राओं को देखते हुए दिव्यांगो की सूची जारी की है। इस सूची में 21 प्रकार के दिव्यांग व्यक्तियों के बारे में बताया गया है -
1. अंधापन।
2. कम दृष्टि ।
3. कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति ।
4. श्रवण दोष ।
5. लोकोमोटर विकलांगता।
6. बौना-पन।
7. बौद्धिक अक्षमता।
8. मानसिक बीमारी।
9. आत्मकेंद्रित स्पेक्ट्रम विकार ।
10. सेरेब्रल पाल्सी।
11. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी।
12. पुरानी न्युरोलाजिक स्थितियां।
13. विशिष्ट सीखने की अक्षमता।
14. मल्टीपल स्क्लेरोसिस।
15. भाषण और भाषण विकलांगता।
16. थैलेसीमिया।
17. हीमोफीलिया।
18. सिकल सेल रोग।
19. बधिर अंधापन सहित बहु विकलांगता।
20. एसिड अटैक पीड़ित।
21. पार्किनसन्स रोग।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की विशेषताएं :-
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 अर्थात Rpwd 2016 के अनुसार दिव्यांग छात्र/छात्राओं को कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती है जिसके द्वारा उन्हें समस्याओं का सामना न करना पड़े।
• अंधेपन से पीड़ित छात्र /छात्राओं को एक शुद्ध लेखक उपलब्ध कराया जाता है जिसके द्वारा पेपर को लिखा जा सके। शुद्ध लेखक उपलब्ध कराया गया है या नहीं इसकी पुष्टि भी सरकारी अधिकारियों के द्वारा की जाती है।
• विकलांग छात्र/छात्राओं को सामान्य बच्चों की तुलना में पेपर हल करने के लिए 20 मिनट प्रति घंटा अतिरिक्त समय दिया जाता है।
इसी प्रकार से विकलांग छात्र/छात्राओं के अनुसार माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं।
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